राम स्तुति श्लोक संस्कृत
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमनहरण भवभय दारुणं !नव कंज लोचन कंज मुखकर कंज पद कंजारुणं !!१!! कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद सुन्दरं !पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचिनोमि जनक सुतावरं !!२!! भजु दीनबन्धु दिनेश दानवदैत्य वंश निकन्दनं !रघुनन्द आनन्द कन्द कोशलचन्द दशरथ नन्दनं !!३!! शिर मुकुट कुंडल तिलकचारु उदारु अङ्ग विभूषणं !आजानु भुज शर चाप धरसंग्राम … Read more