अवध में भक्तो का मन बोले
हनुमत की भक्ति को टटोले
चीर के सीना राम बोले
ह्रदय में राम सिया को बसाये।।
मेरे जागे है सोये भाग मिला है राम सिया का साथ
मेरे जागे है सोये भाग मिला है राम सिया का साथ
अरे मन नाचो रे हो भज मन नाचो रे।।
राम ही कृपा राम ही करुणा राम जगत आधार
राम जापे से करम है सुधरे राम जगत का सार
जापे जो प्राणी राम नाम को होये भाव सागर पार
मेरी लगी है ऐसी लाग मिला है राम सिया का साथ
अरे मन नाचो रे हो भज मन नाचो रे।।
मेरे जागे है सोये भाग मिला है राम सिया का साथ
मेरे जागे है सोये भाग मिला है राम सिया का साथ
अरे मन नाचो रे हो भज मन नाचो रे।।
अवध के राजा दशरथ नंदन है मेरे प्यारे राम
न्याय प्रिये और धरम प्रिये करते है कल्याण
माया जगत है बड़ा दुःख दायी सुख कारी है राम
किया राम नाम का जाप काटे है सारे दुःख संताप
अरे मन नाचो रे हो भज मन नाचो रे।।
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